• ISHQ CHANDNI

    यह किताब सामान्य जनमानस के मनोदशाओं को चित्रित करता है! बारिश,गर्मीऔर सर्दी से बुने शब्द आपके हृदय तक पहुंचेंगे! मैं आभार व्यक्त करता हूं अपनी अनादि प्रेयसी वैशाली का जिनके कारण यह संभव हो सका! सूफियाना इश्क से लेकर दर्दनाक वियोग तक का सफर आपके लिए बहुत किस काव्य में प्रस्तुत है! आप सभी पाठक गणों से अपेक्षा है कि पूरे धैर्य के साथ कविताओं का आनंद लें।
    231.00
  • JEET – APNE LIYE

    175.00
  • Jina isi ka Naam

    बारह कहानियों का संग्रह ‘जीना इसी का नाम’ श्री रामेंद्र कुशवाहा का चौथा कथा संग्रह है। संकलन की कथाऐं कहती हैं कि संघर्ष ही जीवन है। जीवन की सार्थकता तब एक नया मोड़ ले लेती है जब हम अपने संघर्ष के साथ दूसरों के संघर्ष को भी अपना बना लेते हैं। एक चेहरे पे कई चेहरों का मुखौटा ओढ़े धूर्तो से निपटने की चुनौतियां, कमासुत कुॅवांरी बहन-बेटी के दर्द, सड़ी-गली पुरुष लोलुप पंरपरा के नाम पे नारी देह-भोग की लालसा, आज भी जातिय दंश की यंत्रणा,न्यायिक व्यवस्था की खामिंयां, शिक्षा माफियाओं की मनमानियां “ व्यवहारिक कुरुपता का अभिशात मजबूर-निर्धन औरतों का यौन शोषण एवं तेजी से पनप रही छुटभइये नेताओं की बढती प्रलय कारी धाक और इन सब के बीच पिसती-सिसकती आम जन के कष्टों को दर्शाता यह कथा संग्रह पाठकों कां अपने बीच घटना प्रतीत होती है उनके जीवन का भोगा सत्य-सा लगता है। संग्रह की सभी कहानियों के किरदार अंत समय तक कुव्यवस्थाओं से लड़ते-जूझते रहते हैं। यह बात दीगर है कि इस संग्राम में वे कभी हार जातें हैं,तो कभी जीत का स्वाद चखतें हैं-जीना इसी का तो नाम है।

    265.00
  • Kaala Jadu

    आँखे पहले की तरह वापस बंद हो गयी ।  जब पुनः खुली तो मै रसोई की उसी छत पर था , अनीशा मुझे हैरानी से देख रही थी , मुझे आँखे खोलते ही उसने मुझसे पूछा की क्या सोचा आपने इस बारे मे ? मैने उसे शांत रहने के लिए कहा  फिर मैने लाल मणि वाली अंगूठी अपनी अनामिका से निकाल कर  अपने   बाएं  हाथ की तर्जनी में पहन ली ।  फिर मैने अपनी वह उंगली सूर्य की ओर कर दी ,जैसे ही सूर्य की किरणें उस लालमणि पर पङी उस मणि से परिवर्तित होकर लाल रंग मे बदल गयी ।  फिर वो किरणें चारों ओर बिखरने  लगी , उन किरणों कि जद  मे जो भी जानवर आता जा रहा था वह सम्मोहन से मुक्त होकर वापस जंगल की ओर भाग रहा था ।  थोङी देर मे सारे जानवर जंगल मे चले गये ।  इस काम से अनीशा आश्चर्य भर उठी और बोली आकाश इस लालमणि की ताकत इतनी बङी है ।

    195.00
  • Kaanpur wala

    कानपुर वाला जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है ये किताब कानपुर के इर्द गिर्द घूमती है।इस किताब में एक छोटे से लड़के के जुर्म की दुनिया मे कदम रखने से लेकर कानपुर के सबसे बड़े माफिया बनने तक का सफर है। इस सफर में उसे किन हालातों का सामना करना पड़ता है और किस ऊंचाई तक वो जाता है इसी सफर को आपके लिए लफ़्ज़ों में पिरोया है।

    186.00
  • Kabila

    उस व्यक्ति ने जब उस पेंटिंग मे बनी हुई उन बिल्लियों की काउंटिंग की, और इस सोसायटी के लोगो कि तस्वीरों की गिनती की, तो वो और ज़्यादा हैरत मे पढ़ गया उस ने देखा दोनों कि तादाद (गिनती )बिलकुल एक ही थी.. उस ने देखा जो लोग झुण्ड कि तरह खडे हुए नीचे ज़मीन को देख रहे थे. उस ज़मीन पर एक सर्कल बना हुआ था जिस पर अजीब सी भाषा मे कुछ लिखा हुआ था और उस ज़मीन पर एक 8 या 9 साल का बच्चा आँखें बंद किये हुए लेटा हुआ था जो बेहोश था उस के गले मे एक लॉकेट था ये बिलकुल वैसा ही लॉकेट था।और उस लॉकेट मे एक प्रकाश निकल रहा था और वो प्रकाश ठीक उन बिल्लियों के चेहरे पर पड़ रहा था और ठीक उस बच्चे के बगल मे एक 7 या 8 फ़ीट कि चमगादड़ नुमा एक शख्स खड़ा हुआ उस बच्चे को खा जाने वाली आँखों से देख रहा था।

    260.00
  • LEARN FROM EVERYTHING

    280.00
  • Lukaash

    साहिल कम्पनी की ओर से एक मीटिंग अटेंड करने दुबई के लिए घर से निकलता है लेकिन रास्ते में हुए भयानक हादसे की वजह से पहुंच जाता है एक अनजान और सुनसान द्वीप पर । लेकिन वो वहां अकेला नहीं है , वहां रहता है एक खून का प्यासा वेम्पायर और उसकी पिशाच सेना । जो बरसों से इंतजार में हैं किसी ऐसे शख्स की जो बुझाए उसकी खून की प्यास । जिसका मकसद है दुनिया पर हुकूमत कायम करना । जो खुद में समेटे हुए है कई राज । जिसके जाल में फसां साहिल जितना उसे जानने की कोशिश करता है , उतना ही उलझता जाता है ।

    साथ ही मिलते हैं और कुछ ऐसे पात्र जो साहिल की जिंदगी में उथल-पुथल मचा देते हैं । क्या साहिल वेम्पायर के जाल से बच सका ? ऐसे कौन से राज है जिन्हें जानने के बाद साहिल खुद उलझ जाता है ? कौन है वो लोग जो साहिल से मिलते हैं ? जानने के लिए पढ़िए रहस्य , रोमांच , एक्शन के साथ-साथ नफ़रत और जज्बातों से भरी दास्तां – लुकास (खूनी दरिन्दा)

    245.00
  • Maa

    समय के अनुसार मां के व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों को रचित किया गया है। मनुष्य के पारिवारिक जीवन में मां की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।। इस पुस्तक में एक बालक के जीवन के संघर्ष की वह कहानी है जिसमें वह जन्म के कुछ दिन बाद ही अपनी मां को खो देता है। इसके बाद उसके जीवन में आने वाली मां का व्यवहार, प्रारंभ में बहुत ही अच्छा रहता है लेकिन अचानक से उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और एक ममता की देवी मां सौतेलापन व्यवहार करने लगती है।

    210.00
  • Mai Tum Hu 10:10

    240.00
  • Man Mukta

    मन मुक्ता’ कविता संग्रह मन मुक्ता का अर्थ है ‘मन का मोती’। इस कविता संग्रह की प्रत्येक कविता मेरे मन से निकला हुआ एक मोती है । मन मुक्ता में मानवीय मन के मोती रुपी भावों (मातृभूमि प्रेम, भक्ति, व्यंग्य, स्त्री विमर्श, बचपन, साहस, दया, दोस्ती इत्यादि) से ओतप्रोत कविताओं को संकलित किया गया है। अभिमन्यु की वीरता, कौन्तेय कर्ण की व्यथा, पृथ्वी राज चौहान का साहस, द्रोपदी का दुख, द्वारकाधीश कृष्ण का ब्रज प्रेम, गांधी का सत्याग्रह, कलाम का विज्ञान इत्यादि पौराणिक व ऐतिहासिक प्रसंगों को इस कविता संग्रह में पिरोया गया है।

    199.00
  • Mayajaal

    लेखक नृसिंह नारायण मिश्र का हाहाकारी उपन्यास ” मायाजाल ” रहस्य और रोमांच और जादुई मायाजालो से लबरेज़ है , इसका हर अध्याय पूरी किताब है , इसी मायाजाल की एक झलक हम आपकों प्रस्तुत कर रहे है.
    ” कभी नहीं हारने की सोच ने उसके अहंकार को पहाड़ कर दिया था. पर उसे यह किसी ने नहीं बताया की शेर का सवा शेर प्रकृति खुद खड़ा कर देती है,  सुन तू जो कोई भी है अभी अवसर है वापिस चला जा वरना एक बार मेरी खड़ग म्यान से बाहर आ गई तो. तेरा रक्त पिए   बिना वापस म्यान मे  नहीं जाएगी और यह सुंदरी जो तेरे साथ खड़ी है.इसकी तारीफ के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है , ऐसा हुस्न कभी- कभी पैदा होता है. अगर तू इसे मुझे को सौंप दें तो, मैं तेरी जान बख्श  दूंगा,  ललाट चिल्लाकर बोला,  अरे सुन  बिलौटे शरीर पर लंबी धारी  होने से  बिल्ला शेर नहीं बन जाता समझे  और ज्यादा बङबङाने वाला   हमेशा मिट्टी का ढेर साबित  होता है दुबे ने भी बराबर का जवाब दिया. फिर  दुबे ने अरीबा  नाम की तलवार निकालकर दोनों हाथ में थाम ली. तलवार को आकाश कीओर करके बोला है पवित्र तलवार सुन मैं  बहुत बड़ा योद्धा नहीं हूं बस एक अदना सा गुलाम हूं अपने खुदा का.मैं चाहता हू कि तू मुझे अपनी पवित्र शक्ति से नवाजे ताकि मैं इस पिशाच  का सर कलम कर सकूं. सबने  देखा वह तलवार एकदम से लाल सुर्ख हो गई.जैसे उसने अभी-2  सैकड़ों का सिर काटा हो. एक तेज प्रकाश का कवच दुबे के इर्द-गिर्द घूम गया,  जो यह बता रहा था कि दुबे अब  उसके प्रभाव में है.

     

    195.00
  • Mohabbat khwab aur Tum

    हेलो अवनि कैसी हो खबर तो मिल गई होगी तुम्हें बहुत शौक था न तुम्हें अनाथ बच्चों की सेवा करने का अब इसकी किमत तुम्हें अनाथ बनकर चुकानी पड़ेगी .. हा हा हा ..! फिर फ़ोन कट गया था और मैं बस हेलो हेलो कर रही थी और विराज जो ड्राइविंग कर रहा था और मुझे देख रहा था वह भी घबराया हुआ था मेरी हालत देखकर और बार बार पूछ रहा था .. “क्या हुआ अवनि किसका फोन था क्या कह रहा था”! और मैं …! मैं — बस जल्दी गाड़ी तेज चलाओ  मुझे घर पहुंचना है । मैं कह रही थी और मेरी आंखों से लगातार आंसू बहे जा  रह थे  ..दिमाग काम नहीं कर रहा था कि वह फोन किसका था और तभी मुझे एहसास हुआ था कि ये आवाज़ कुछ जानी पहचानी थी और फिर मेरे होश उड़ गए थे ये आवाज़ आश्रम के फादर की थी जो कि उस निधि वाले और विराज और मेरे एक्सीडेंट के बाद से फरार थे और उन्होंने अपना बदला मुझसे ऐसे लिया था ..!  मेरे तो होश ही उड़ गए थे । मैं बहुत घबरायी हुईं थी और दुबारा उसी नंबर को डायल कर रही थी मगर वह नंबर आऊट आफ नेटवर्क बता रहा था और इसी कशमकश और डर घबराहट में जब हमारी गाड़ी मेरे घर के पास पहुंचने वाली थी तो वहां पर लोगों की बहुत बड़ी भीड़ उमड़ी हुई थी और आसमान में धुआं उठ रहा और सब कुछ काला काला नज़र आ रहा था और  हवा में गर्माहट महसूस हो रही थी जैसे आग …. विराज ने गाड़ी वहीं पर रोकी थी और मैं जल्दी से भीड़ को चीरते हुए अन्दर बढ़ी थी ।सब कुछ खतम हो गया नेहा सब कुछ मैं अनाथ आश्रम में काम करते करते खुद अनाथ हो गई हूं फादर ने मेरा बदला मेरे माता-पिता से ले लिया था मैं अनाथ हो … “”! कहते कहते कब मेरी आंखे बंद हो गई थी फिर से मुझे कुछ होश नहीं था ।

    260.00
  • Narkesari – Akash Series book 4

    धीरे-धीरे तमस की त्वचा भी भांप बनकर उङने लगी थी , थोङी देर के  उपरांत कुछ बचा था तो सिर्फ उसका नर कंकाल , तमस का अध्याय समाप्त हो चुका था , न जाने कितनी सदियाँ वह जिया था ,

    265.00280.00
  • OK – The Feeling Of Love

    OK: the feeling of love is the collection of all the feelings and memories of love ever felt and made in the form of poems and little quotes.

     

    289.00
  • Pahla Padaaw

    योगेन्द्र सिंह द्वारा रचित यह काव्य-संग्रह “पहला पड़ाव” एक जन सामान्य के जीवन-संघर्ष, अनुभव एवं उन मानवीय संवेदनाओं के प्रकटीकरण का सजीव चित्रण करता है, जो दैनिक जीवन में हर मानव के मन को उद्वेलित करतीं हैं। इनकी कविताओं में हर जन सामान्य की भावनाओं को प्रतिलक्षित कर उन्हें हर पाठक से व्यक्तिगत तौर पर जुड़ा हुआ महसूस कराने की अद्भुत क्षमता है। आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि योगेन्द्र सिंह की कविताओं का यह “पहला पड़ाव” आपकी उम्मीदों पर अवश्य करा उतरेगा।

    265.00
  • Poison

    230.00
  • Raghuvanshi – Vachanbadhh Raja Ki Gatha ( Part 1)

    रघुवंशी – वचनबद्ध राजा की गाथा। यह किताब एक सस्पेंस थ्रिलर, फिक्शन सीरियल ड्रामा का पहला भाग है। यह वचनबद्ध पर आधारित कहानी है। रघुराज रघुवंशी एक बहुत बड़ें साम्राज्य के वचनबद्ध राजा हैं, अगर राजा रघुराज रघुवंशी का वचन टूटा तो वह स्वयं अपने प्राण त्याग देंगे, वचनबद्ध होने के कारण राजा के जीवन में तरह-तरह की चुनौतियां आती हैं, राजा रघुराज रघुवंशी इन चुनौतियों का सामना कैसे करते है, जानने के लिए पढ़ें “ रघुवंशी ” वचनबद्ध राजा की गाथा ।

    175.00
  • Sami – The Miracle Of Society

    समी बच्चे को गोद में उठा मंदिर में पहुंचा और भवानी का स्मरण कर शिव सत्ता को पुकारने लगा, जिसने अर्धनारिश्वर रूप ले सृष्टि का निर्माण किया, उस सत्ता का स्मरण करने लगा और देखते ही देखते वह नारी रूप में परिणित हो गया, वह अब अर्धनारिश्वर था, और अपने वक्ष स्थल से बच्चे को लगा दूध पिला रहा था, सारा गांव जब पलटकर देखता है तो समी उस बच्चे के लिए मां और पिता दोनों ही रूप ले चुका था, वैशाली सदमे में थी…. और जीवाजी अपराध बोध में हाथ जोड़े खड़े थे…।

    455.00
  • SARABATIYA – BA LLB

    सरबतिया अभी भी डरी सहमी चादर लपेटे पलंग पर बैठी थी। जब जब नरेन्द्र सिंह की उस पर नज़र पड़ती तो गुस्सा और बढ़ता। ये गुस्सा इतना बढ़ा कि वो सरबतिया का नाम ले गन्दी गन्दी गालियाँ बकने लगे। डरी सहमी होने के बावजूद अपमान सहते सहते सरबतिया के सब्र का बांध तब टूट गया जब नरेन्द्र ने उसे गन्दी नाली कह दिया। बस उसके मुँह से भी निकल गया कि मुझे गन्दी नाली कह रहे हो लेकिन जिस गटर मे तुम मुँह मारना चाहते थे उससे तो ये गन्दी नाली बहुत साफ़ सुथरी है। ये सुनते ही क्रोध मे अंधे हो रहे नरेन्द्र मे एक झटके से अपना रिवाल्वर वाला हाथ मुंशी जी के डर से काँपते हाथों से छुड़ाया और सरबतिया की ओर घुमाया। ये देख भावी अनहोनी की आशंका से अच्छू, नरेन्द्र के रिवाल्वर वाले हाथ पर झपटा । लेकिन वो शरीर का संतुलन न बरकरार रख सका और दोनों एक दूसरे को लिए दिये ज़मीन पर गिर पड़े। तभी गोली चलने की आवाज़ आई, जिससे एक क्षण को सन्नाटा सा हो गया। किसी की समझ मे ही नहीं आया कि दरअसल हुआ क्या ?

    220.00240.00