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  • Kaala Jadu

    आँखे पहले की तरह वापस बंद हो गयी ।  जब पुनः खुली तो मै रसोई की उसी छत पर था , अनीशा मुझे हैरानी से देख रही थी , मुझे आँखे खोलते ही उसने मुझसे पूछा की क्या सोचा आपने इस बारे मे ? मैने उसे शांत रहने के लिए कहा  फिर मैने लाल मणि वाली अंगूठी अपनी अनामिका से निकाल कर  अपने   बाएं  हाथ की तर्जनी में पहन ली ।  फिर मैने अपनी वह उंगली सूर्य की ओर कर दी ,जैसे ही सूर्य की किरणें उस लालमणि पर पङी उस मणि से परिवर्तित होकर लाल रंग मे बदल गयी ।  फिर वो किरणें चारों ओर बिखरने  लगी , उन किरणों कि जद  मे जो भी जानवर आता जा रहा था वह सम्मोहन से मुक्त होकर वापस जंगल की ओर भाग रहा था ।  थोङी देर मे सारे जानवर जंगल मे चले गये ।  इस काम से अनीशा आश्चर्य भर उठी और बोली आकाश इस लालमणि की ताकत इतनी बङी है ।

    195.00
  • Mayajaal

    लेखक नृसिंह नारायण मिश्र का हाहाकारी उपन्यास ” मायाजाल ” रहस्य और रोमांच और जादुई मायाजालो से लबरेज़ है , इसका हर अध्याय पूरी किताब है , इसी मायाजाल की एक झलक हम आपकों प्रस्तुत कर रहे है.
    ” कभी नहीं हारने की सोच ने उसके अहंकार को पहाड़ कर दिया था. पर उसे यह किसी ने नहीं बताया की शेर का सवा शेर प्रकृति खुद खड़ा कर देती है,  सुन तू जो कोई भी है अभी अवसर है वापिस चला जा वरना एक बार मेरी खड़ग म्यान से बाहर आ गई तो. तेरा रक्त पिए   बिना वापस म्यान मे  नहीं जाएगी और यह सुंदरी जो तेरे साथ खड़ी है.इसकी तारीफ के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है , ऐसा हुस्न कभी- कभी पैदा होता है. अगर तू इसे मुझे को सौंप दें तो, मैं तेरी जान बख्श  दूंगा,  ललाट चिल्लाकर बोला,  अरे सुन  बिलौटे शरीर पर लंबी धारी  होने से  बिल्ला शेर नहीं बन जाता समझे  और ज्यादा बङबङाने वाला   हमेशा मिट्टी का ढेर साबित  होता है दुबे ने भी बराबर का जवाब दिया. फिर  दुबे ने अरीबा  नाम की तलवार निकालकर दोनों हाथ में थाम ली. तलवार को आकाश कीओर करके बोला है पवित्र तलवार सुन मैं  बहुत बड़ा योद्धा नहीं हूं बस एक अदना सा गुलाम हूं अपने खुदा का.मैं चाहता हू कि तू मुझे अपनी पवित्र शक्ति से नवाजे ताकि मैं इस पिशाच  का सर कलम कर सकूं. सबने  देखा वह तलवार एकदम से लाल सुर्ख हो गई.जैसे उसने अभी-2  सैकड़ों का सिर काटा हो. एक तेज प्रकाश का कवच दुबे के इर्द-गिर्द घूम गया,  जो यह बता रहा था कि दुबे अब  उसके प्रभाव में है.

     

    195.00
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    199.00220.00
  • Yaksh Prashn

    श्री हरि की सर्वश्रेष्ठ हास्य व्यंग्य कहानियों का एक अनुपम संकलन है “यक्ष प्रश्न” । समाज , राजनीति और अन्य विषयों पर करारा व्यंग्य कसते हुए पाठकों के दिल में गुदगुदी और अधरों पर एक मीठी हंसी बिखेरने वाली अद्भुत पुस्तक है यक्ष प्रश्न । पति पत्नी के मध्य कभी ना समाप्त होने वाले शीत युद्ध का प्रकटीकरण जिसमें वायु में बसी हुई सुगंध की तरह प्यार छुपा हुआ होता है , का सुंदर प्रस्तुतिकरण है यक्ष प्रश्न । एक ऐसी पुस्तक जिसे बार बार पढने की इच्छा हो, वह पुस्तक है यक्ष प्रश्न । एक अनुभवी लेखक की पैनी नजर से कुछ भी नहीं छूटता है । आजकल के हालातों का खूबसूरत चित्रण है यक्ष प्रश्न । पढोगे तो समझोगे न ।

    230.00