• Dusra Mauka

    हीर-रांझा, लैला-मजनू, सोनी-महिवाल और भी ना जाने कितने ऐसे नाम होंगे जिनके इश्क की दास्तां हम सदियों से सुनते आए हैं। लोग मिसाल देते हैं उनके प्रेम की पर क्या उन्हें अपने प्रेम के साथ जिंदगी बिताने का मौका मिला? क्या हर प्रेम कहानी का अंत ऐसा ही दु:खद होता है? क्या दो सच्चे प्रेमी कभी नहीं मिल पाते? या कभी-कभी कुदरत भी उनके प्रेम के आगे झुकती है? क्या होती है कोई ऐसी प्रेम कहानी जो उसे अपने आगे झुकने को मजबूर कर देती है? क्या कुदरत देती हैं किसी को दूसरा मौका एक दूसरे के साथ जीने के लिए? बस इसी सोच पर आधारित है ये पुस्तक दूसरा मौका।

    245.00