Ajeeb 2 Dead End
₹263.00
Categories: | Crime, Genre Fiction, Horror, Mystery, Thriller & Suspense |
---|
Weight | 0.211 kg |
---|---|
book-author | |
format |
Related products
-
Vasuli 2
जमील और कमल अपनी हिम्मत और पुलिस के सपोर्ट से ड्रग माफिया से टकरा गए , पूरा ड्रग माफिया एक ओर और जमील और कमल एक तरफ खड़े होते हैं, कहां दो यंग लड़के और कहां एक बड़ा आर्गनाइजेशन ,जिसके पास क्रिमिनल्स की लंबी फौज है , फिर भी दोनो हिम्मत नही हारते हैं , और उनसे भिड़ जाते हैं , । -
Akshat
सोचो अगर शादी के बाद किसी को बता दिया जाय कि उसकी दुल्हन जीवित ही नहीं बल्कि एक लाश है जो हर रोज अर्धरात्रि में मृतप्राय हो जाती है तो उसपे क्या गुजरेगी,वो मंजर कैसा होगा,ऐसा ही कुछ था मनसा कि पत्नी मानवी के साथ मानवी हर रोज अर्धरात्रि में मृत्यु के करीब पहुंच जाती थी यह अक्षति तांत्रिक क्रिया का अनोखा खेल था जिसके द्वारा किसी और युवती की रूह को मानवी के जिस्म में प्रवेश करा दिया गया था जिसके चलते वो आत्मा उसके जिस्म को हर रोज अर्धरात्रि के समयछोड़कर स्वच्छंद विचरण करती थी जिसके चलते मानवी का जिस्म निस्प्राण अवस्था में पहुंच जाता था..
-
Kaala Jadu
आँखे पहले की तरह वापस बंद हो गयी । जब पुनः खुली तो मै रसोई की उसी छत पर था , अनीशा मुझे हैरानी से देख रही थी , मुझे आँखे खोलते ही उसने मुझसे पूछा की क्या सोचा आपने इस बारे मे ? मैने उसे शांत रहने के लिए कहा फिर मैने लाल मणि वाली अंगूठी अपनी अनामिका से निकाल कर अपने बाएं हाथ की तर्जनी में पहन ली । फिर मैने अपनी वह उंगली सूर्य की ओर कर दी ,जैसे ही सूर्य की किरणें उस लालमणि पर पङी उस मणि से परिवर्तित होकर लाल रंग मे बदल गयी । फिर वो किरणें चारों ओर बिखरने लगी , उन किरणों कि जद मे जो भी जानवर आता जा रहा था वह सम्मोहन से मुक्त होकर वापस जंगल की ओर भाग रहा था । थोङी देर मे सारे जानवर जंगल मे चले गये । इस काम से अनीशा आश्चर्य भर उठी और बोली आकाश इस लालमणि की ताकत इतनी बङी है ।
-
Ajeeb
सुमेधा एक झटके से उठ कर बैठ गयी…और घबराते हुए इधर उधर देखने लगी….वो भयानक साया और उसकी लाल आंखे अब भी उसके जेहन में घूम रही थी….उसने अपना सर पकड़ लिया जो बहुत दर्द कर रहा था एक तो टूटी हड्डी का दर्द ऊपर से अब सर भी बहुत दर्द हो रहा था….शायद सुबह हो चुकी थी…थोड़ी बहुत रोशनी उस अंधेरी कोठरी में भी आ रही थी….सुमेधा ने अपने टूटे हुए पैर को देखा…टूटी हुई हड्डी साफ नजर आ रही थी….और सूजन भी काफी बढ़ चुकी थी..ये वो अच्छी तरह से जानती थी कि अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो इन्फेक्शन बढ़ने की वजह से उसका पैर सड़ने लगेगा और काटना भी पड़ सकता है….यहाँ तो जिंदगी के लाले पड़े हैं और उसे पैर की चिंता हो रही है….उसे अपने ही विचार पर गुस्सा आने लगा! उसे प्यास भी लग रही थी और भूख भी…
-
Ek Pyala Khoon Ka
उसे विरासत में मिला था एक शैतान का साया,जो हर रात उसकी जिंदगी की किताब को ख़ून की स्याही से लिखने पर मजबूर कर देता था, अंधेरा घिरते ही इंसानी खून की प्यास उसे एक वहशी दरिंदे में बदल देती थी, आखिर कौन था यह नौजवान ? आखिर उससे हुआ क्या था? जानने के लिए जरूर पढ़ें इंडियन वैंपायर सीरीज एक प्याला खून
-
CRIMINALS – Mission start now (Book 1)
मेरा नाम निशा है , इस कहानी की शुरुवात मुझसे ही होती है। मेरा मान ना है की क्राइम के होने की अपनी कोई वजह हो ना हो , क्रिमनल्स के होने की वजह ज़रूर होती है। मुझसे किसी ने प्यार किया , फिर धोखा दिया , फिर मेर गैंगरेप हुआ और फिर वो आये जिन्हे मैं क्रिमनल्स कहती हूँ। वो क्रिमिनल्स जिन्होंने मुझे मज़बूत बनाया , जीना सिखाया। मेरी ज़िन्दगी एक तिलिस्म है जिसे मैं तोडना चाहती हूँ लेकिन चाहकर भी तोड़ नहीं सकती क्योकि मैं जिनके बीच हूँ , जिनके साथ हूँ वो ऐसे वैसे क्रिमिनल्स नहीं हैं , वो अलग हैं तेज़ हैं खतरनाक हैं। मेरे जीवन के चार रहस्य हैं – कमिटी , मेडिकल एरर , एजेंट सेवन और तीन वीडियो क्लिप। इन रहस्यों को जान ने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने ये राज़ क्यों जाना। मुझे नहीं जान ना चाहिए था। अब मैं अपने आप से ही नफरत करने लगी हूँ , जबकि मुझे अपने आप से नफरत करने की वजह भी कुछ सही नहीं लगती .
-
12:20 Mystery Of Richel Vila
और फिर अपने नुकीले दांतो को एलिना के गरदन में गड़ा दिया…बस घुटी घुटी सी एक चीख ही निकल पाई थी एलिना के मुँह से….खून का फव्वारा फुट पड़ा उसकी गरदन से। और खून के फव्वारे के साथ ही एलिना की एक आखिरी चीख गूंजी….! गूंजी नही,बस उस बाथरूम में ही घुट कर रह गई। उसकी आतंकित आंखे उबल पड़ी थी, और सांसे ,सांसे थमने लगी थी। “क्या हुआ जब इंसान और बाघ के संयोग से जन्मा शिशु बड़ा हो कर अपने पैशाचिक कुकृत्यों से पूरे शहर जो थर्राने पर मजबूर कर दिया?” रहस्य और रोमांच से भरपूर रिचल विला के इस हैरतअंगेज सफर में जाने के लिए कमर कस लें ,क्योंकि ये एक शख्स की कहानी है जो न तो पूरी तरह इंसान है ना पूरी तरह जानवर।
-
Talab
रोज की तरह आज भी अपनी बुलेट से समर café में आया था, समर का ये रूटीन था कि वो दोपहर का खाना खाकर café में आ जाता था और तब तक रहता था जब तक café बंद ना हो जाये, बुलेट पार्किंग में खड़ी करने के बाद समर अपने ही अंदाज़ में चलता हुआ café में आया, एक नज़र पूरे café में घुमाई और उसकी नज़र काजल पर जाकर ठहर गई, एक पल काजल को देखने के बाद समर अपनी उस सीट की तरफ देखने लगा जहाँ वो रोज़ आकर बैठता था, उसकी सीट पर कोई नहीं बैठा था।
Be the first to review “Ajeeb 2 Dead End”