Ajeeb 3 Last Destination
₹245.00
Categories: | Crime, Genre Fiction, Horror, Mystery, Thriller & Suspense |
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Weight | 0.211 kg |
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book-author | |
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Maa
समय के अनुसार मां के व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों को रचित किया गया है। मनुष्य के पारिवारिक जीवन में मां की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।। इस पुस्तक में एक बालक के जीवन के संघर्ष की वह कहानी है जिसमें वह जन्म के कुछ दिन बाद ही अपनी मां को खो देता है। इसके बाद उसके जीवन में आने वाली मां का व्यवहार, प्रारंभ में बहुत ही अच्छा रहता है लेकिन अचानक से उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और एक ममता की देवी मां सौतेलापन व्यवहार करने लगती है।
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Veeran Khandhar
वे खंडहर हज़ारो सालो से वीरान थे. जहाँ पर जा कर इंसानी जिंदगी अपना दम तोड़ देती थी. जहाँ बरसो से इंसानी जिंदगी का नामोनिशान मौजूद नहीं था. वो उन्ही वीरान खंडहरों के पास एक लड़की से टकराया था जिस से मिल कर उसे ऐसा लगा जैसे कि वो उस लड़की को सदियों से जानता है. आखिर कौन थी वो? और सब से बड़ा सवाल कि वो कौन था? इंसान और जिन्नात की ऐसी दास्तान जो आप को सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर इन दोनों मखलुकों मे ताकतवर कौन है.? आखिर क्या था उन वीरान खंडहरों का रहस्य.? क्या वो सिर्फ वीरान खंडहर थे. या फिर वो दूसरी दुनिया तक पहुंचने का द्वार थे. कौन थी वो….?और कौन था वो……? इंसानों और जिन्नो की ऐसी दास्तान जो आप के रोंगटे खडे कर देगी और किताब का एक पन्ना पन्ना आप को पड़नें को मजबूर कर देगी..बिलकुल एक अलग एक नई तरह की कहानी जिसे आप सालो साल भूल नहीं पाएंगे
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12:20 Mystery Of Richel Vila
और फिर अपने नुकीले दांतो को एलिना के गरदन में गड़ा दिया…बस घुटी घुटी सी एक चीख ही निकल पाई थी एलिना के मुँह से….खून का फव्वारा फुट पड़ा उसकी गरदन से। और खून के फव्वारे के साथ ही एलिना की एक आखिरी चीख गूंजी….! गूंजी नही,बस उस बाथरूम में ही घुट कर रह गई। उसकी आतंकित आंखे उबल पड़ी थी, और सांसे ,सांसे थमने लगी थी। “क्या हुआ जब इंसान और बाघ के संयोग से जन्मा शिशु बड़ा हो कर अपने पैशाचिक कुकृत्यों से पूरे शहर जो थर्राने पर मजबूर कर दिया?” रहस्य और रोमांच से भरपूर रिचल विला के इस हैरतअंगेज सफर में जाने के लिए कमर कस लें ,क्योंकि ये एक शख्स की कहानी है जो न तो पूरी तरह इंसान है ना पूरी तरह जानवर।
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Vastvachya kathavar
‘वास्तवाच्या काठावर’ हा थरारक कथांचा संग्रह आहे. कथा अनेक ट्विस्ट्समधून मार्ग काढतात आणि साध्या सुरुवाती नंतर धक्कादायक टोकांसह समाप्त होतात. कथा संपल्यानंतरही वाचकांच्या मनात रहस्याचा अनुभव रेंगाळत राहतो. ‘सुजाता, सुजाता!’ पुस्तकातील सर्वात लहान कथा आहे जी वाचकाला शेवटी एक भयानक अनुभव देऊन जाते. ‘चीरतरुण’ या कथेला रहस्यासोबत विज्ञानकथेचे स्वरूप लेखकाने दिले आहे. पुस्तकातील इतर कथा सुद्धा साधारण सुरुवातीनंतर पुढे पुढे रहस्याच्या जाळ्यात गुंतत जातात.
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Yadon ke Jharokho se
यह उपन्यास उन सभी देशी एवं विदेशी प्रेंमी प्रेंमिकाओं को समर्पित है, जिन्हों ने , ” उस प्रेंम की उदात्त कोमल भावनाओं को अपनें हृदय से महशूस किया है।” प्रेंम और वासनाएं जीवन के दो पहलू हैं, दोनों एक दूसरें के पूरक होतें हुए भी एक दूसरे से भिन्न हैं, किन्तु दोनों का अस्तित्व एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। जिस तरह दिन की पहिंचान रात्रि से होती है, ठीक उसी प्रकार प्रेंम और वासना का अपनें अपनें स्थान पर महत्व है। आज की भागमभाग जिंदगी में भी उस प्रेंम के दर्शन यदा कदा हो जातें हैं,किन्तु आज की विपरीत परिस्थितियों में इस प्रेंम का रूप ही विकृत हो चला है, अधिकांशतया स्वतंत्र जीवन शैली नें वहुत कुछ खो दिया है, आज के परिपेक्ष में प्रेंम तो है किंतु अधिकांश क्षणिक आकर्षण में सिमट कर अपनें द्वितीय रूप में आचुका है। जो हमारी भारतीय संस्कृति और चारित्रिक भावनाओं को ठेस पहुँचानें के साथ साथ हमारें नैतिक मूल्यों के ह्रास की ओर संकेत करता ही दिखलाई देता है। ” प्रेंम की भावना को समझना और उसे अहसास करना हर किसी प्रेंमी के बश की बात नहीं “। इसलिए इस विषय पर कुछ अधिक ना कह कर सिर्फ़ इतना कहना है कि “कलम तू इस हसीन जज़्बा की कहाँ तक वक़ालत करेगी ? इसलिए सिर्फ मौन ही रहकर इसका अहसास अपनें हृदय में कर तो बेहतर है। “ -
Dar : Koi to hai Ch 2
‘डर-कोई तो है-चैप्टर-1’ में शुरू हुआ ये खौफनाक सफर सन 1998 से शुरू होता है-जो धीरे-धीरे 2005-06 तक पहुंच जाता है और फिर सफर शुरू होता है श्रापित नगर-सम्पूर्ण नगर के इतिहास का जहां कुछ सवालों के जवाब मिलते हैं तो वहीं कई सवाल उठ खड़े होते हैं। उसी सफर की तारम्यता को निर्बाध रूप से चालू रखते हुए’डर-कोई तो है-चैप्टर-2’का निर्माण किया गया है,जिसमे उस इतिहास के बाद एक और इतिहास से रूबरू होने का मौका मिलता है। जंग-ए-आजादी के अतीत से शुरू हुआ ये सफर पुनः वर्तमान में आता है और वो सभी ‘राज़’ हमारे सामने खुल जाते हैं-जिनके लिए हमने ये डरावना और रोमांचकारी सफर शुरू किया था। उम्मीद ही नही वरन पूरा विश्वास है कि आपका ये सफर फिर से अत्यंत रोमांच से भरपूर और डरावना होने वाला है।
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Darr – Chapter 1 Koi to hai
बाकी शब्द उसके हलक में अटक गए मानो उसके गले मे सूखी रेत भर गई हो आंखे बाहर को उबलने लगी दिल और दिमाग सुन्न पड़ गए थे !नजारा ही कुछ ऐसा था क्योंकि मनोहर का चेहरा ही नही था ,चेहरा बिल्कुल सपाट था न आंखे ,न नाक, न होंठ बस बिल्कुल सपाट ! किशनपाल मानो लकवे का शिकार हो गया था वो आंखे फाड़ फाड़ कर केवल उस चहरे को ही देख रहा था ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर ने काम करना बंद कर दिया था !दिमाग अंदर ही अंदर भागने की चेतावनी दे रहा था लेकिन मानो उसके पैर जमीन से चिपक गए हो ! तभी उसके अंदर मानो चेतना का संचार हुआ और वो लम्बी चीख मारते हुए भागने को हुआ लेकिन उस बिना चेहरे वाले इंसान ने उसके हाँथ पकड़ लिए और घरघराती और रीढ़ में सिहरन पैदा करने वाली भयानक और बर्फ जैसी ठंडी आवाज में बोला “मैं मनोहर नही हूँ” ये सुनते ही किशनपाल हाथ छुड़ा कर भागने लगा और भागते भागते ठोकर खाकर गिरा ! फिर उठ कर भागने को हुआ तो क्या देखता है वो तो उसी बाग के किनारे खड़ा है ये देख कर उसे गश आने लगी और वो बेहोश होकर गिर गया !
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Raghuvanshi – Vachanbadhh Raja Ki Gatha ( Part 1)
रघुवंशी – वचनबद्ध राजा की गाथा। यह किताब एक सस्पेंस थ्रिलर, फिक्शन सीरियल ड्रामा का पहला भाग है। यह वचनबद्ध पर आधारित कहानी है। रघुराज रघुवंशी एक बहुत बड़ें साम्राज्य के वचनबद्ध राजा हैं, अगर राजा रघुराज रघुवंशी का वचन टूटा तो वह स्वयं अपने प्राण त्याग देंगे, वचनबद्ध होने के कारण राजा के जीवन में तरह-तरह की चुनौतियां आती हैं, राजा रघुराज रघुवंशी इन चुनौतियों का सामना कैसे करते है, जानने के लिए पढ़ें “ रघुवंशी ” वचनबद्ध राजा की गाथा ।
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