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12:20 Mystery Of Richel Vila
और फिर अपने नुकीले दांतो को एलिना के गरदन में गड़ा दिया…बस घुटी घुटी सी एक चीख ही निकल पाई थी एलिना के मुँह से….खून का फव्वारा फुट पड़ा उसकी गरदन से। और खून के फव्वारे के साथ ही एलिना की एक आखिरी चीख गूंजी….! गूंजी नही,बस उस बाथरूम में ही घुट कर रह गई। उसकी आतंकित आंखे उबल पड़ी थी, और सांसे ,सांसे थमने लगी थी। “क्या हुआ जब इंसान और बाघ के संयोग से जन्मा शिशु बड़ा हो कर अपने पैशाचिक कुकृत्यों से पूरे शहर जो थर्राने पर मजबूर कर दिया?” रहस्य और रोमांच से भरपूर रिचल विला के इस हैरतअंगेज सफर में जाने के लिए कमर कस लें ,क्योंकि ये एक शख्स की कहानी है जो न तो पूरी तरह इंसान है ना पूरी तरह जानवर।
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90’s Love
ABOUT AUTHOR
जुनैद चौधरी कहानी नहीं लिखते बल्कि किस्से सुनाते हैं, किस्से भी वो जो लोगों की असल जिंदगी से जुड़े होते हैं, इन्होंने किस्सों की शुरुआत 2014 से ही कर दी थी। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाखों पाठकों का प्यार मिलने के बाद अब इन्होंने पेपरबैक बुक्स लिखनी शुरू की है, इस से पहले इनकी बुक “कानपुर वाला” को एक लाख से ज़्यादा पाठक पढ़ चुके हैं।
BOOK DESCRIPTION
90’s लव किताब खूबसूरत छोटी कहानियों का एक संकलन है, ये किताब उन लोगों के लिए ख़ास है जो सन 1990 के बाद पैदा हुए हैं, ये वो पीढ़ी है जिसके सामने सोशल मीडिया ने जन्म लिया है, यही वो पीढ़ी है जिसने सबसे पहले सोशल मीडिया की अच्छाइयों और बुराइयों को जाना है, ये पीढ़ी गवाह है मुहब्बत (रिलेशनशिप) में आई अचानक क्रांति की,फेक मुहब्बत से लेकर फेक आइडियो तक का सफर इसी पीढ़ी ने तय किया है, ये पीढ़ी बेहद ख़ास है, और इस ख़ास पीढ़ी को ही मैं ये किताब समर्पित करता हूँ, इसमें लिखी हर कहानी आपको अपनी या किसी अपने की कहानी लगेगी। अगर आप फिर से उसी दौर को जीना चाहते हैं तो ज़रूर पढ़ें 90’s लव।
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Ajeeb
सुमेधा एक झटके से उठ कर बैठ गयी…और घबराते हुए इधर उधर देखने लगी….वो भयानक साया और उसकी लाल आंखे अब भी उसके जेहन में घूम रही थी….उसने अपना सर पकड़ लिया जो बहुत दर्द कर रहा था एक तो टूटी हड्डी का दर्द ऊपर से अब सर भी बहुत दर्द हो रहा था….शायद सुबह हो चुकी थी…थोड़ी बहुत रोशनी उस अंधेरी कोठरी में भी आ रही थी….सुमेधा ने अपने टूटे हुए पैर को देखा…टूटी हुई हड्डी साफ नजर आ रही थी….और सूजन भी काफी बढ़ चुकी थी..ये वो अच्छी तरह से जानती थी कि अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो इन्फेक्शन बढ़ने की वजह से उसका पैर सड़ने लगेगा और काटना भी पड़ सकता है….यहाँ तो जिंदगी के लाले पड़े हैं और उसे पैर की चिंता हो रही है….उसे अपने ही विचार पर गुस्सा आने लगा! उसे प्यास भी लग रही थी और भूख भी…
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Akshat
सोचो अगर शादी के बाद किसी को बता दिया जाय कि उसकी दुल्हन जीवित ही नहीं बल्कि एक लाश है जो हर रोज अर्धरात्रि में मृतप्राय हो जाती है तो उसपे क्या गुजरेगी,वो मंजर कैसा होगा,ऐसा ही कुछ था मनसा कि पत्नी मानवी के साथ मानवी हर रोज अर्धरात्रि में मृत्यु के करीब पहुंच जाती थी यह अक्षति तांत्रिक क्रिया का अनोखा खेल था जिसके द्वारा किसी और युवती की रूह को मानवी के जिस्म में प्रवेश करा दिया गया था जिसके चलते वो आत्मा उसके जिस्म को हर रोज अर्धरात्रि के समयछोड़कर स्वच्छंद विचरण करती थी जिसके चलते मानवी का जिस्म निस्प्राण अवस्था में पहुंच जाता था..
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Anamika (Kavya Sangrah)
” अनामिका अस्तित्व की तलाश”, यह किताब कुछ गिने चूने बेहतरीन कविताओं का संग्रह है, जिसे मैंने बड़े प्यार से तलाशा है, जैसे कोई जोहरी हीरे को तलाशता है। पहली कोशिश से मैं ये किताब बनाने में कामयाब हो पाई हो। इस किताब में आपको देशभक्ति, मोहब्बत, रिश्तों का अनमोल साथ, कुछ सामाजिक मुद्दों पर मेरे द्वारा किया प्रहार भी मिलेगा जैसी कि बालिका वधु, आरक्षण, दहेज, भूख आदि। कभी जिंदगी में ना हारने के जज्बे के साथ अपनी कमजोरी पर कैसे काबू पाए ये भी मिलेगा जैसी कि गुस्सा आदि। नारी के विभिन्न रुप जैसे बेटी, मां, पत्नी और बहन आदि के दर्शन आपको मेरी कविता में मिलेगी
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Beti
राजीव-बधाई हो दोस्त लक्ष्मी जी का तीसरा अवतार जो तेरे घर आया है।
आशुतोष-राजीव ! वास्तव में बेटी मेरे लिए लक्ष्मी ही हैं।
राजीव-लेकिन भाई मेरे तीन तीन बेटियों के विवाह के लिए अभी से व्यवस्था करनी पड़ेगी। आखिर महंगाई का जमाना है। एक नौकरी में सब कैसे कर पाओगे?
आशुतोष-चिंता मत कर राजीव बेटियां अपना भाग्य खुद लेकर आती हैं,हमें तो बस उन्हें अच्छी राह दिखानी होती है। थोड़ा मार्गदर्शन करना होता है।
राजीव-भाई मैं ठहरा साफ्टवेयर इंजीनियर , तुम्हारी दार्शनिक बातें मेरी समझ में नहीं आने वाली। चल खाना खाते हैं। -
Bhediya
धीरे-धीरे तमस की त्वचा भी भांप बनकर उङने लगी थी , थोङी देर के उपरांत कुछ बचा था तो सिर्फ उसका नर कंकाल , तमस का अध्याय समाप्त हो चुका था , न जाने कितनी सदियाँ वह जिया था ,
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Chandni
चॉंदनी काव्य संग्रह पुस्तक में प्रकृति की सजीव झांकियों नदियों, प्रपातों , वर्षा ऋतु , ऋतुराज बसन्त, बादलों की महिमा, मॉं सरस्वती की वन्दना, सावन मास, मनुष्य जीवन की गतिविधियों और ,नारी की गरिमा तथा मॉं की ममता ,गुरु सम्बन्धी दोहे, भोर और सांयकालीन बेला आदि को कविताओं के द्वारा प्रस्तुत करने का सुमधुर और सरस प्रयास किया गया है !
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Craze Of Jimmi
उपन्यास एक लड़की के जुनून की कहानी है । जुनून एक उड़ान की, संघर्षों से सफलता तक पहुंचने का जुनुन। ये कहानी है एक सच्चे प्रेम की । एक मध्यम वर्गीय परिवार की रहने वाली अनन्या एमी जो ड्रिसिक्यूफू से पीड़ित है । जिसके पास अपने सपनों में अपने भविष्य से संबंधित घटनाओं को देख पाने की शक्ति है । जिसका सपना है एक प्रसिद्ध व शक्तिशाली युवती बनना । उसे एक शक्तिशाली व टाइकून उद्योगपति से आकर्षण हो जाता है । उनके मध्य परस्पर प्रेम पनपता है । अभी उनका प्रेम गठबंधन के प्रथम पड़ाव पर ही रहता है, कि अनन्या एमी का मन पुन: सपनों के तरफ भटकने लगता है और वह अपनी उड़ान के लिए वापस अपने शहर का रुख करती है । विपरीत परिस्थितियों व कठिन संघर्षों का सामना करते हुए अंतत: वह एक सफल व प्रसिद्ध व्यक्तिव बनकर उभरती है
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CRIMINALS – Mission start now (Book 1)
मेरा नाम निशा है , इस कहानी की शुरुवात मुझसे ही होती है। मेरा मान ना है की क्राइम के होने की अपनी कोई वजह हो ना हो , क्रिमनल्स के होने की वजह ज़रूर होती है। मुझसे किसी ने प्यार किया , फिर धोखा दिया , फिर मेर गैंगरेप हुआ और फिर वो आये जिन्हे मैं क्रिमनल्स कहती हूँ। वो क्रिमिनल्स जिन्होंने मुझे मज़बूत बनाया , जीना सिखाया। मेरी ज़िन्दगी एक तिलिस्म है जिसे मैं तोडना चाहती हूँ लेकिन चाहकर भी तोड़ नहीं सकती क्योकि मैं जिनके बीच हूँ , जिनके साथ हूँ वो ऐसे वैसे क्रिमिनल्स नहीं हैं , वो अलग हैं तेज़ हैं खतरनाक हैं। मेरे जीवन के चार रहस्य हैं – कमिटी , मेडिकल एरर , एजेंट सेवन और तीन वीडियो क्लिप। इन रहस्यों को जान ने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने ये राज़ क्यों जाना। मुझे नहीं जान ना चाहिए था। अब मैं अपने आप से ही नफरत करने लगी हूँ , जबकि मुझे अपने आप से नफरत करने की वजह भी कुछ सही नहीं लगती .
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Dalangal
വിവരണം 150 ഇൽ പരം ചെറുകവിതകളുടെ ഒരു കൂട്ടമാണ് ദളങ്ങൾ. പ്രണയം നിരാശ പ്രതീക്ഷ ഹാസ്യം എന്നീ മനുഷ്യമനസിന്റെ വ്യത്യസ്ത വികാരങ്ങൾ പ്രതിഫലിക്കുന്ന കവിതകളാണ് ദളങ്ങൾ എന്ന ഈ കവിത സമാഹാരത്തിൽ ഉള്ളത്. ചാറ്റൽ മഴയും, ഇളം കാറ്റും, അസ്തമയ സൂര്യനും നിറഞ്ഞ പ്രകൃതി സൗന്ദര്യം പ്രണയ കവിതകളിൽ പ്രതിപാദിച്ചിട്ടുണ്ട്. നഷ്ട സ്വപ്നങ്ങളുടെ ഒരുപിടി കണ്ണുനീർ ആണ് പൂർണ്ണമായ കവിതകളിൽ നിഴലിച്ചു നിൽക്കുന്നത്. ഹാസ്യത്തിൽ സമൂഹത്തിലെ ചില തെറ്റിദ്ധാരണകളാണ് ചൂണ്ടിക്കാണിച്ചിട്ടുള്ളത്. ചെറിയതോതിൽ സാമൂഹിക പ്രാധാന്യമുള്ള വിഷയങ്ങളും ഉൾപ്പെടുത്താൻ ശ്രമിച്ചിട്ടുണ്ട്.
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Dar : Koi to hai Ch 2
‘डर-कोई तो है-चैप्टर-1’ में शुरू हुआ ये खौफनाक सफर सन 1998 से शुरू होता है-जो धीरे-धीरे 2005-06 तक पहुंच जाता है और फिर सफर शुरू होता है श्रापित नगर-सम्पूर्ण नगर के इतिहास का जहां कुछ सवालों के जवाब मिलते हैं तो वहीं कई सवाल उठ खड़े होते हैं। उसी सफर की तारम्यता को निर्बाध रूप से चालू रखते हुए’डर-कोई तो है-चैप्टर-2’का निर्माण किया गया है,जिसमे उस इतिहास के बाद एक और इतिहास से रूबरू होने का मौका मिलता है। जंग-ए-आजादी के अतीत से शुरू हुआ ये सफर पुनः वर्तमान में आता है और वो सभी ‘राज़’ हमारे सामने खुल जाते हैं-जिनके लिए हमने ये डरावना और रोमांचकारी सफर शुरू किया था। उम्मीद ही नही वरन पूरा विश्वास है कि आपका ये सफर फिर से अत्यंत रोमांच से भरपूर और डरावना होने वाला है।
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Darr – Chapter 1 Koi to hai
बाकी शब्द उसके हलक में अटक गए मानो उसके गले मे सूखी रेत भर गई हो आंखे बाहर को उबलने लगी दिल और दिमाग सुन्न पड़ गए थे !नजारा ही कुछ ऐसा था क्योंकि मनोहर का चेहरा ही नही था ,चेहरा बिल्कुल सपाट था न आंखे ,न नाक, न होंठ बस बिल्कुल सपाट ! किशनपाल मानो लकवे का शिकार हो गया था वो आंखे फाड़ फाड़ कर केवल उस चहरे को ही देख रहा था ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर ने काम करना बंद कर दिया था !दिमाग अंदर ही अंदर भागने की चेतावनी दे रहा था लेकिन मानो उसके पैर जमीन से चिपक गए हो ! तभी उसके अंदर मानो चेतना का संचार हुआ और वो लम्बी चीख मारते हुए भागने को हुआ लेकिन उस बिना चेहरे वाले इंसान ने उसके हाँथ पकड़ लिए और घरघराती और रीढ़ में सिहरन पैदा करने वाली भयानक और बर्फ जैसी ठंडी आवाज में बोला “मैं मनोहर नही हूँ” ये सुनते ही किशनपाल हाथ छुड़ा कर भागने लगा और भागते भागते ठोकर खाकर गिरा ! फिर उठ कर भागने को हुआ तो क्या देखता है वो तो उसी बाग के किनारे खड़ा है ये देख कर उसे गश आने लगी और वो बेहोश होकर गिर गया !
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Dusra Mauka
हीर-रांझा, लैला-मजनू, सोनी-महिवाल और भी ना जाने कितने ऐसे नाम होंगे जिनके इश्क की दास्तां हम सदियों से सुनते आए हैं। लोग मिसाल देते हैं उनके प्रेम की पर क्या उन्हें अपने प्रेम के साथ जिंदगी बिताने का मौका मिला? क्या हर प्रेम कहानी का अंत ऐसा ही दु:खद होता है? क्या दो सच्चे प्रेमी कभी नहीं मिल पाते? या कभी-कभी कुदरत भी उनके प्रेम के आगे झुकती है? क्या होती है कोई ऐसी प्रेम कहानी जो उसे अपने आगे झुकने को मजबूर कर देती है? क्या कुदरत देती हैं किसी को दूसरा मौका एक दूसरे के साथ जीने के लिए? बस इसी सोच पर आधारित है ये पुस्तक दूसरा मौका।
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Ek Pyala Khoon Ka
उसे विरासत में मिला था एक शैतान का साया,जो हर रात उसकी जिंदगी की किताब को ख़ून की स्याही से लिखने पर मजबूर कर देता था, अंधेरा घिरते ही इंसानी खून की प्यास उसे एक वहशी दरिंदे में बदल देती थी, आखिर कौन था यह नौजवान ? आखिर उससे हुआ क्या था? जानने के लिए जरूर पढ़ें इंडियन वैंपायर सीरीज एक प्याला खून