Akshat
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सोचो अगर शादी के बाद किसी को बता दिया जाय कि उसकी दुल्हन जीवित ही नहीं बल्कि एक लाश है जो हर रोज अर्धरात्रि में मृतप्राय हो जाती है तो उसपे क्या गुजरेगी,वो मंजर कैसा होगा,ऐसा ही कुछ था मनसा कि पत्नी मानवी के साथ मानवी हर रोज अर्धरात्रि में मृत्यु के करीब पहुंच जाती थी यह अक्षति तांत्रिक क्रिया का अनोखा खेल था जिसके द्वारा किसी और युवती की रूह को मानवी के जिस्म में प्रवेश करा दिया गया था जिसके चलते वो आत्मा उसके जिस्म को हर रोज अर्धरात्रि के समयछोड़कर स्वच्छंद विचरण करती थी जिसके चलते मानवी का जिस्म निस्प्राण अवस्था में पहुंच जाता था..
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